जिन व्यक्तियोँ की कुण्डली में धन भाव का सम्बन्घ गुरु या सूर्य से है, श्री लक्ष्मी जी और कुबेर साधनाओ के बाद भी धन की परेशानी खत्म नही हो रही हो।
तो उस स्थिति में वह साधक श्री स्वर्ण आकर्षण भैरव की साधना करने से उत्तम लाभ प्राप्त कर सकते हैं श्री भगवती के लाडले परात्पर परमात्मा लक्ष्मी कुबेर को भी धन देने वाले *श्री स्वर्णाकर्षण भैरव जी* इनकी चर्चा रूद्र यामल तन्त्र में शिव जी और नन्दी जी के बिच हुई थी।
100 वर्षो तक देवासुर संग्राम में युद्ध के कारण कुबेर जी को जब धन की भारी हानि हुई थी। उस समय माँ लक्ष्मी जी भी धन से हिन् हो गयी थी। उस समय सब देवी और देवता भगवान महादेव जी की शरण में गए , महादेव जी ने नन्दी जी को माध्यम बनाकर स्वर्णाकर्षण देव की महिमा गायी, सभी देवताओ सहित नन्दी जी ने यक्षराज श्री कुबेर जी को धनवान बनाने के लिये शिव जी से प्रश्न किया की कुबेर के खाली को भण्डार फिर से भरा दे ऐसे कौन भगवान है तब भगवान शिव जी ने भगवति के अविनाशी धाम श्री मणिद्वीप के कोक्षाध्यक्ष श्री स्वर्णाकर्षण भैरव नाथ भगवान की महिमा और उनके वैभव का वर्णन किया और उनकी शरण में जाने को कहा ।
फिर लक्ष्मी जी और कुबेर जी ने विशालातीर्थ (बद्रीविशाल धाम में) वर्षो तक सभी देवताओ सहित धन के देवता श्री लक्ष्मी और कुबेर जी ने भीषण तप किया तब भगवान स्वर्णाकर्षण भैरव नाथ जी ने उन्हें दर्शन देकर श्री मणिद्वीप धाम से प्रगट होकर 4 भुजाओ से धन की वर्षा की जिससे पुनः सभी देवता श्री सम्पन्न हो गए।
स्वर्णाकर्षण भैरव काल भैरव का सात्त्विक रूप हैं, जिनकी पूजा धन प्राप्ति के लिए की जाती है। यह हमेशा पाताल में रहते हैं, जैसे सोना धरती के गर्भ में होता है। इनका प्रसाद दूध और मेवा है। यहां मदिरा-मांस सख्त वर्जित है। भैरव रात्रि के देवता माने जाते हैं। इस कारण इनकी साधना का समय मध्य रात्रि यानी रात के 12 से 3 बजे के बीच का है। इनकी उपस्थिति का अनुभव गंध के माध्यम से होता है। इनके साधना से अष्ट-दारिद्य्र समाप्त हो सकता है। जो साधक इनकी साधना करता है, उसके जिवन मे कभी भी आर्थिक हानी नही होती , सिर्फ आर्थिक लाभ देखने मिलता है।
Institute of Spiritual Science श्री स्वर्णाकर्षण भैरव साधना दीक्षा का आयोजन 11 मार्च 2021 महाशिवरात्रि के पावन दिवस पर आप सभी के लिए आयोजित कर रहा है , इच्छुक व्यक्ति व साधक संपर्क करें ।
Those people whose horoscope is related to wealth with Guru or Surya, even after Shri Lakshmi Ji and Kuber Sadhana, the problem of money is not ending.
So in that situation, he can get great benefits from the Sadhana of Sadhak Shri Swarna Charm Bhairav, the beloved of Shri Bhagwati, who also gave money to the Paramatma Lakshmi Kuber, * Shri Swarnakarshan Bhairav Ji * discusses Shiv Ji and Nandi Ji in Rudra Yamal Tantra Had happened in the middle.
When Kuber Ji suffered a huge loss of money due to war in Devasur Sangram for 100 years. At that time mother, Lakshmi Ji also became a hindrance of money. At that time, all the goddesses and goddesses went to the shelter of Lord Mahadev Ji, Mahadev Ji sang the glory of Swarnakarshan Dev by making Nandi ji a medium, along with all the gods, Nandi ji questioned Shiva Ji to make Yakshraj Shri Kuber Ji wealthy or Kuber Who is the God who can fill the empty store again? Then Lord Shiva described the glory and glory of Lord Swarnakarshan Bhairav Nath, the treasurer of Shri Manidweep, the indestructible Dham of Bhagwati, and asked to go to His refuge.
Then Lakshmi ji and Kuber ji performed great penance for years along with all the gods, Sri Lakshmi and Kuber Ji, the god of wealth, including all the gods of Vishalatirtha (in Badrivishal Dham), then Lord Swarnakarshan Bhairav Nath Ji gave them darshan and appeared from Shri Manidweep Dham and made 4 bhujao Rained money from which all the gods were completed again.
Swarnakarshan Bhairav is the seventh form of Kaal Bhairav, which is worshipped to gain money. It is always in the underworld like gold is in the womb of the earth. Their prasad is milk and fruits. Alcohol-meat is strictly prohibited here. Bhairav is considered to be the god of night. Because of this reason, the time of their meditation is between midnight i.e. 12 to 3 pm. Their presence is experienced through smell. His meditation can end eight-poverty. The saint who meditates on him, he never has a financial loss in his life, only financial benefits are seen.
Institute of Spiritual Science is organizing Shri Swarnakarshan Bhairav Sadhana Deeksha on the auspicious day of Mahashivaratri on 11 March 2021, interested people and seekers may contact.
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